इस श्रृंखला के अपने प्रत्येक पिछले परिचयों में, मैंने आशाहीनता के साथ अपनी व्यक्तिगत लड़ाई के बारे में संक्षेप में साझा किया है। भले ही मैं एक परिपक्व मसीही और बाइबिल शिक्षक था, लेकिन मैं इस तरह की पीड़ा से बचा हुआ नहीं था। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कई मसीही आज स्वयं को उसी हताश संघर्ष में पाते हैं।

आशाहीनता मानव अनुभव में सबसे दुखद स्थितियों में से एक है, लेकिन मेरा मानना है कि वास्तविक, बाइबल की आशा का अनुभव करना संभव है। क्यों? क्योंकि आशा पवित्र आत्मा की शक्ति के माध्यम से यीशु मसीह में हमारे उद्धार का भाग है! पवित्रशास्त्र से और अपने स्वयं के अनुभव से, मैं आषा पर अपनी ५-भागों की श्रृंखला के इस चौथे संस्करण में इस विशय पर आपके साथ विचार साझा करूँगा।

सात आवश्यक सत्य

आइए, इस विशय पर अपनी पिछली चर्चाओं में हमारे द्व ारा स्थापित सात धर्मषास्त्रीय तथ्यों को संक्षेप में बताकर इस संस्करण को फारंभ करें। सबसे पहले, मसीही जीवन में तीन आत्मिक वास्तविकताएँ हैं: विश्वास, आशा और प्रेम। प्रभावशाली मसीही जीवन के लिए प्रत्येक आवष्यक है। दूसरा, आशा नए जन्म से उत्पन्न होती है; हमने मरे हुओं में से यीशु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा एक जीवित आशा में जन्म लिया है। तीसरा तथ्य इस कथन द्वारा व्यक्त किया गया है, “आशा मसीह के पुनरुत्थान पर आधारित है।” चौथा, आशा मसीह की वापसी की ओर देखती है। यही वह धन्य आशा है जो सभी सच्चे मसीहियों के सामने रखी गई है। पाँचवाँ, आशा का स्रोत परमेश्वर का प्रेम है। छठवाँ, बाइबल की आशा हमें पवित्र जीवन के लिए प्रेरित करती है। सातवाँ, इस प्रकार की आशा आत्मविश्वास से भरपूर, उज्ज्वल मसीहियों को उत्पन्न करती है।

ये सत्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए मैं उन्हें पुनः समीक्षा के लिए सूचीबद्ध करूँगाः

  1. पहला, मसीही जीवन में तीन आत्मिक वास्तविकताएँ हैं: विश्वास, आशा और प्रेमा
  2. दू सरा, आशा नए जन्म से उत्पन्न होती है।
  3. तीसरा, आशा मसीह के पुनरुत्थान पर आधारित है।
  4. चौथा, आशा मसीह की वापसी की ओर देखती है।
  5. पाँचवाँ, आशा का स्रोत परमेश्वर का प्रेम है।
  6. छठवाँ, आशा हमें पवित्र जीवन के लिए प्रेरित करती है।
  7. सातवाँ, इस प्रकार की आशा आत्मविश्वास से भर पूर, उज्ज्वल मसीहियों को उत्पन्न करती है।

एक आश्चर्यजनक सत्य

इस संदश में, मैं बताऊँगा कि क्यों आशा उद्धार का एक अनिवार्य भाग है। अलग अलग विभागीय पृश्ठभूमि वाले अधिकांश मसीहियों में किसी न किसी प्रकार की जागरूकता होती है कि आप विश्वास के बिना उद्धार नहीं पा सकते हैं। हम सभी धर्मशास्त्र के इस प्रसिद्ध कथन से परिचित हैं, “धर्मीजन विश्वास से जीवित रहेगा।” यह पूरी तरह से सच है। हालाँकि, यह आपके लिए आश्चर्य की बात हो सकती है कि पूर्ण सच्चाई यह नहीं है। इस पाठ में मैं जिस बात पर जोर देना चाहता \overline{\epsilon_{\circ

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