परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं की भूमि में होकर चलना

Teaching Legacy Letter
*First Published: 2016
*Last Updated: दिसंबर 2025
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परमेश्वर की संतान कैसे बनना है ?
इस “परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं की भूमि में से होकर चलना” नामक इस श्रृंखला में प्रत्येक शिक्षा में, हमारा आध गार बहुत बुनियादी और व्यावहारिक रहा है। हमारा लक्ष्य एक ऐसी जरूरत या समस्या को अलग करना रहा है, जो आमतौर पर हमारे जीवनों में उत्पन्न होती है, फिर उसके बाइबल सम्मत समाधान का पता लगाना और उसे लागू करना है। मैंने आपको व्यावहारिक रीति से यह दिखाने का प्रयास किया है कि आप विशेष रूप से स्थिति का पता लगाने वाले ईश्वर के वचन के विशिष्ट वायदों का पता लगाने और दावा करने के द्वारा इस तरह की जरूरतों को
कैसे पूरा कर सकते हैं और ऐसी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं। अपनी पिछली शिक्षा में, हमने पाप की समस्या और बाइबल के वायदे पर चर्चा की थी जो हमें यह सुनिश्चित कर सके कि परमेष्वर हमें क्षमा करेंगे। इस शिक्षा में, हम एक और विषय पर बात करते हैं जो हमारे आत्मिक जीवन के लिए बुनियादी है: परमेष्वर की संतान कैसे बनना है।
एक गहन चर्चा
हम यीशु और उनके दिनों के एक धार्मिक नेता नीकुदेमुस नामक एक फरीसी के बीच एक संवाद को संदर्भित करते हुए शुरू करते हैं। यह आदान–प्रदान, इस प्रकार है जो यूहन्ना रचित सुसमाचार अध्याय ३ पद १-११ में वर्णित है:
फरीसियों में से नीकुदेमुस नाम एक मनुष्य था, जो यहूदियों का सरदार था। उस ने रात को यीशु के पास आकर उस से कहा, हे रब्बी, हम जानते हैं, कि तू परमेश्वर की आरे से गुरू हो कर अया है; क्योंकि कोई इन चिन्हों को जो तू दिखाता है, यदि परमेश्वर उसके साथ न हो, तो नहीं दिखा सकता। यीशु ने उस को उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूँ, यदि कोई नए सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता। नीकुदेमुस ने उस से कहा, मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं; जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता। क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है। अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा; कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है। हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता, कि वह कहां से आती और किधर को जाती है? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।नीकुदेमुस ने उस को उत्तर दिया; कि “ये बातें क्योंकर हो सकती हैं?” यह सुनकर यीशु ने उस से कहा; “तू इन्न. एलियों का गुरू हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता। मैं तुझ से सच सच कहता हूँ कि हम जो जानते हैं, वह कहते हैं, और जिसे हम ने देखा है उस की गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते।
सचमुच उल्लेखनीय वार्तालाप ! यह ध्यान देना दिलचस्प है कि हालाँकि नीकुदेमुस स्पष्ट रूप से एक ईमानदार, भला अच्छा, बुद्धिमान और शिक्षित मनुष्य था, लेकिन वह समझ नहीं सका कि यीशु क्या कहने का प्रयास कर रहे थे। यह यीशु थे प्रगटतः जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक ऐसा अनुभव जिसे वह नया जन्म” या “ऊपर से जन्मा” के रूप में वर्णित करता है (सभी वैध अनुवाद)। फिर भी नीकुदेमुस इस महत्वपूर्ण अवधारणा के साथ संधर्श कर रहा था।
दो स्वभाव
यीशु नीकुदेमुस को एक ऐसे अनुभव के बारे में बता रहे थे जो इतना महत्वपूण था कि इसके बिना, कोई भी परमेश्वर के राज्य को न तो देख न ही उसमें प्रवेश कर सकता है। उसके कथन ने उन्हें चौंका दिया, जो यह समझने की कोशिश कर रहा था कि इससे यीशु का क्या तात्पर्य था। यीशु ने उसे समझाया कि, मूल रूप से, दो अलग-अलग प्रकार की प्रकृति हैं। एक दैहिक प्रकृति (एक शारीरिक प्रकृति) होती है और फिर एक आत्मिक प्रकृति होती है। उसने कहा, “जो शरीर से जन्मा है वह षरीर है, और जो आत्मा से जन्मा है वह आत्मा है।”
नीकुदेमुस ने किसी तरह सोचा कि फिर से जन्म लेने के लिए, उसे फिर से अपनी माँ के गर्भ में वापस जाना होगा और एक छोटे बच्चे के रूप में जन्म लेना होगा। यीशु ने इस बात को स्पष्ट किया कि वह प्राकृतिक जन्म प्रक्रिया का उल्लेख नहीं कर रहा था—वह जन्म जो एक स्वभाविक स्वभाव उत्पन्न करता है जो नीकुदेमुस में पहले से था। इसके बजाय, यीशु एक ऐसे जन्म के बारे में बात कर रहा था जो एक आत्मिक प्रकृति उत्पन्न करता है-जिसका अनुभव नीकुदेमुस ने अब तक नहीं किया था।
आगे बताने के लिए, यीशु ने आध्यात्मिक क्षेत्र की तुलना हवा में की – हमारे भौतिक दुनिया के सबसे परिचित तत्वों में से एक। यीशु ने कहा, ष्हवा चलती है जहां वह चाहती है और आप इसकी आवाज सुनते हैं, लेकिन आप नहीं जानते कि यह कहां से आता है और कहां से आता हैय तो जो भी आत्मा से पैदा हुआ है वह सब होता है।
आत्मा रूपी हवा
हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि पुराने नियम के इब्रानी में और नए नियम के यूनानी भाशा में, प्रत्येक भाषा हवा, श्वास या आत्मा के लिए इसी षब्द का उपयोग करता है – इब्रानी में रूआह और यूनानी में न्यूमा। जब यीशु एक उदाहरण के रूप में हवा का उपयोग करता है, तो वह निर्देशित उस बात के लिए निर्देषित कर रहा है, जिसका वर्णन उदहरण कर रहा है – अर्थात् पवित्र आत्मा का व्यवहार। यीशु कह रहा है, “पवित्रात्मा हवा की तरह है। कोई भी हवा से नहीं कहता है कि कहाँ उड़ना है। यह हमारे जीवनों में आता है; हम नहीं जानते कि यह कहाँ से आता है और कहाँ जा रहा है।” तब वह समझाता है: “नए जन्म में पवित्र आत्मा का काम ऐसा ही है। हम नहीं जानते कि आत्मा कहाँ से आता है, और न ही यह कि कहाँ जाता है लेकिन हम निश्चित रूप से जानते हैं कि वह क्या करता है।”
आत्मा की गतिविधि
हम कैसे जानते हैं कि हवा बह रही है? इसलिए नहीं कि हम हवा को देखते हैं – लेकिन इसलिए कि क्या करता है? हम क्या देखते हैं? हम आकाश में बादलों को तेजी से बढ़ते हुए देखते हैं। हो सकता है कि हम गली में धूल उठते हुए या वृक्षों को झुकते हुए देख सकते हैं। हम एक महिला को देख सकते हैं, जिसकी टोपी या स्कार्फ उसके सिर पर से उड़ गई है और वह उसके पीछे भागती है।
ये सभी संकेत देते हैं कि हवा एक निश्चित क्षेत्र में बह रही है। यही बात सच है जब एक व्यक्ति नया जन्म लेता है। परमेश्वर का आत्मा उसके जीवन में आता है, और वह नहीं जानता कि यह कहाँ से आता है या कहाँ जा रहा है। लेकिन वह जानता है कि उसके भीतर निश्चित रूप से कुछ चल और हो रहा है।
कई वर्षों पहले, जब मैं लंदन में एक पादरी था, तो नए जन्म के अनुभव के बारे में अधिक जानने के लिए डेनमार्क की एक युवती हमारे घर आई थी। मैं इस महिला को चर्च जाने वाली एक नामधारी मसीही के रूप में वर्णित करता हूँ। मेरी पहली पत्नी और मैंने उसे निर्देश दिया और उसे समझाया कि नया जन्म लेने के लिए क्या करना था। तब मैंने उससे एक बहुत ही सरल प्रार्थना करवाया जिसमें उसने वह कार्य किया जिसकी अपेक्षा परमेष्वर को उससे थी।
यह युवा महिला एक औपचारिक प्रकार की व्यक्ति थी, न कि किसी भी रूप में भावनात्मक। (डैनीश लोग, आमतौर पर कुल मिलाकर बहुत ही भावुक समूह नहीं होते हैं।) हालाँकि, जब उसने हमारे बैठक कक्ष में यह प्रार्थना कही, उसके बाद उसकी आँखों में आँसुओं की दो बड़ी बूँदे दिखाई दी और उसके गालों से नीचे लुढ़क गए। बल्कि आत्म-जागरूक होकर, उसने अपने रूमाल से अपनी आँखों को पोंछा – तुरंत ही दो और बूँद आँसू दिखाई दिए और उसके गालों पर लुढ़क गए। उस बिंदु पर, उसने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं क्यों रो रही हूँ।” मैंने उसे उत्तर दियाः “देखिए, अभी अभी हवा बहना प्रारंभ हुआ है।”
इस महिला को जो अनुभव हो रहा था वह पवित्र आत्मा के काम के साक्ष्यों में से एक था। इस महिला ने एक प्रकार की कोमलता की भावना महसूस की राहत और खुशी की एक भावना कि वह समझ नहीं पाई और समझा नहीं सकती थी। यद्यपि वह उस बात से कुछ शर्मिंदा थी, लेकिन उसने जो महसूस किया वह इतना सच्चा था कि उसे छिपा नहीं सकती थी।
यह कैसे होता है
आइए हम फिर से नीकुदेमुस के साथ यीशु की बातचीत पर गौर करें, जो यूहन्ना ३ अध्याय में दर्ज किया गया है। बहुत संभव है कि यीशु ने बहुत से लोगों को यह बयान दिया है। हालाँकि, मेरा मानना है कि नीकुदेमुस के साथ बातचीत एक विशेष कारण के लिए दर्ज की गई है। किस कारण से? क्योंकि अगर नए जन्म के अलावा और कुछ भी नीकुदेमुस की जरूरत को पूरी कर सकता तो संभव था कि वह उसके पास पहले से हो। वह एक धार्मिक व्यक्ति थे; वह एक शिक्षित व्यक्ति थे; उनका उच्च सामाजिक स्तर था और वह एक वंश (यहूदी जाति) से संबंधित थे, जिसे परमेष्वर ने विशेष उद्देश्यों के लिए अलग किया था। कृपया ध्यान दें, कि हालाँकि न तो धर्म, शिक्षा, सामाजिक स्थिति, न ही जातीय पदनाम नए जन्म के लिए कोई विकल्प है।
अब तक, हमने दो विषयों पर चर्चा की है: नया जन्म की आवश्यकता और नया जन्म पाने पर एक व्यक्ति को क्या होता है इसकी प्रकृति। एक और बहुत महत्वपूर्ण विषय रह जाता है जिस पर हमें अवष्य विचार करना चाहिए: एक व्यक्ति किस प्रकार नया जन्म पा सकता है।यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम इसपर विशेष ध्यान दें।
इस सुसमाचार में १ अध्याय ११-१३ पदों में यीषु के बारे में यूहन्ना यह कहता है: वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
वह अपने घर में आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
यहूदियों के पास यीषु यहूदी के रूप में आया। लेकिन एक राश्ट्र के रूप में - व्यक्तियों के रूप् में नहीं, परन्तु सामूहिक रूप से एक राश्ट्र के रूप में उन्होंने उसे ठुकरा दिया जो उनका मसीह था। मैं परमेष्वर का ध्न्यवाद करता हूँ कि अगले पद में एक ‘परन्तु’ है।
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
एक मुख्य कदम
वह महत्वपूर्ण आदान प्रदान क्या है जो परमेश्वर से जन्म की ओर ले जाता है – अर्थात, परमेश्वर की आत्मा द्वारा फिर से - जन्म लेना या नया जन्म लेना? जो कोई इस अनुभव की इच्छा करता है, उस व्यक्ति को वास्तव में क्या करना चाहिए? बाइबल यह बहुत सरलतापूर्वक यह बताता है। “जितनों ने उसे (यीषु को) ग्रहण किया।” वह एक कदम कौन सा है जिसे आपको नया जन्म पाने के लिए उठाना है? आपको अवष्य ही यीशु को अपना प्रभु मानते हुए अपने व्यक्तिगत उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करना चाहिए। जब आप ऐसा करते हैं, तो वह आपको परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार देता है। आप उसके नाम में विष्वास करते हुए विश्वास के द्वारा यह कदम उठाते हैं।
किसी धार्मिक कार्यों के पुण्य या अपनी स्वयं की धार्मिकता के आधार पर आप यह दावा नहीं कर सकते हैं परन्तु यह केवल उसके नाम पर विश्वास करने से होता है। विश्वास के इस कदम का परिणाम यह है कि आप परमेश्वर से जन्म लेते नया जन्म पाते हैं।
इस नया जन्म के अनुभव के संदर्भ में, यूहन्ना ने तीन विशेषताओं को शामिल नहीं किया है, जिसके बारे में हम सोच सकते हैं कि नए जन्म पर लागू होता है। वह कहते हैं कि नया जन्म “लहू से” नहीं है। दूसरे शब्दों में, यह प्राकृतिक वंश के द्वारा नहीं है। चाहे आपके माता–पिता कितने भी अच्छे रहे हों, उनकी भलाई आपको इस मायने में अच्छा नहीं बनाती। आपको अवष्य ही एक नया आत्मिक जन्म पाना चाहिए-एक नया स्वभाव जो प्राकृतिक वंश से नहीं है।
दूसरा, यूहन्ना कहते हैं कि यह “षरीर की इच्छा से नहीं है।” यह कुछ प्राकृतिक, कामुक इच्छा या भूख की संतुष्टि नहीं है।
तीसरा, वह कहता है कि “यह मनुष्य की इच्छा” से नहीं होती है। यहाँ मनुष्य के लिए प्रयुक्त यूनानी शब्द पति के लिए प्रयुक्त शब्द है। इससे पता चलता है कि यह नया जन्म पति और पत्नी के बीच स्वाभाविक यौन संबंध का परिणाम नहीं है। यह एक अलग स्तर पर संभव लेता है यह शारीरिक नहीं है, लेकिन आत्मिक है। परमेश्वर की आत्मा से जन्मा–नया जन्मा।
प्रतिज्ञा को लागू करना
समापन में, यदि आप अपनी नया जन्म की आवश्यकता को महसूस करते हैं, तो मैं आपको एक वायदा देना चाहता हूँ जिसे आप थामे रख सकते हैं। प्रकाषितवाक्य ३:२० में यीशु यह प्रतिज्ञा करता है:
देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ।
यदि आप नया जन्म लेना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण वचन है। इसी समय यीषु आपके दिल के द्वार पर खड़े हैं, दस्तक दे रहे हैं। वह एक सज्जन हैं। वह जबरद. स्ती भीतर नहीं आएगा
यदि आप चाहते हैं कि यीशु भीतर आए, तो आपको उसे आमंत्रित करना होगा। लेकिन यदि आप उसे आमंत्रित करते हैं, तो आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वह भीतर आएगा- क्योंकि वह एक सज्जन व्यक्ति है और वह अपना वचन पूरा करता है।
यीशु आगे कहता है: “मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ।” आपको अवष्य ही पहले अपना भोजन यीशु को देना चाहिए, और फिर वह आपके साथ अपने भोजन को साझा करेंगे।
आपको क्या करना है? आपको उसे भीतर आने का निमंत्रण देना है। आपको उसके पास जाना होगा; और तब आपको विष्वास के साथ उसका धन्यवाद देना चाहिए कि वह भीतर आ गया है। याद रखें कि यह सब उसके नाम पर विश्वास से होता है।
ऐसा हो सकता है कि इसी समय पवित्र आत्मा की शक्ति आपके दिल को इस कदम पर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही है। आप नया जन्म लेने की या अपने जीवन में इस कदम की को दृढ़ करने की अपनी जरूरत महसूस कर रहे होंगे,
यदि यह मामला है, तो आईए, बाइबल का वचन प्रक. ाषितवाक्य ३:२० को लागू करते हैं और इसे निम्नलिखित प्रार्थना के साथ व्यक्त करें:
*Prayer Response
प्रभु, यीशु, मुझे पता है कि मुझे परमेश्वर की आत्मा के द्वारा नए सिरे से जन्म लेने की आवष्यकता है। हो सकता है, नीकुदेमुस की तरह, मैं इस प्रक्रिया को पूरी तरह समझ नहीं सकता, लेकिन चाहता हूँ कि जीवित परमेष्वर की आत्मा मेरे दिल को छुए और इसे जीवित बनाए। मुझे रक्त, माँस की इच्छा या मनुष्यों की इच्छा से परे कुछ चाहिए। मैं यीषु को ग्रहण करना और आत्मा के अनुसार फिर से परमेश्वर की सतांन के रूप में जन्म लेना चाहता हूँ।
यीशु, मैं आपको अपने दिल के द्वार पर दस्तक देते हुए महसूस करता हूँ। मैं अब आपकी आवाज को सुन और अपना जीवन आपको देते हुए आपको निमंत्रण देते हुए और भीतर आने के लिए धन्यवाद देते हुए प्रतिक्रिया देता हूँ। आपको धन्यवाद यीषु कि आप अपनी आत्मा के द्वारा मुझे नया जन्म देने के द्वारा मेरे जीवन में आए हैं। आमीन ।
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